Global Student Prize 2025: ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025 एक बड़ा और सम्मानित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो दुनियाभर के छात्रों को उनके असाधारण काम के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार का मकसद ऐसे छात्रों को पहचान देना है जो सिर्फ अच्छी पढ़ाई ही नहीं करते, बल्कि समाज में सही बदलाव लाने की कोशिश भी करते हैं. ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025 प्रतियोगिता के फाइनल में बिहार के आदर्श कुमार ने भी जगह बना ली है. अगर वह जीत दर्ज करते हैं तो उन्हें 88 लाख रुपये मिलेंगे.

आइए जानते हैं कि ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025 क्या है. इस पाने के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता में कितने छात्र शामिल हुए. आदर्श कुमार ने क्या किया है?

11 हजार में से चुने गए 10 छात्र

ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025 प्रतियोगिता के लिए इस बार दुनियाभर के 148 देशों से करीब 11,000 छात्रों ने आवेदन किया था. इसमें 10 छात्रों को टॉप-10 फाइनलिस्ट्स के तौर पर शामिल किया गया है. प्रतियोगिता के विजेता को 100,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी मिलेगी. ये प्राइज वर्की फाउंडेशन (Varkey Foundation) और Chegg.org की तरफ से दिया जाता है.

टॉप 10 में पहुंचे बाकी स्टूडेंट्स की कहानी

  1. Fatma Deniz Aydin (तुर्की): उन्होंने जिन्हें पढ़ने में दिक्कत होती है, उनके लिए खास सॉफ्टवेयर बनाया है जो आवाज से मदद करता है और अनूठे तरीके से पढ़ाई कराता है.
  2. Grace Liu (अमेरिका): Research to Empower नाम का एक प्रोग्राम चलाती हैं, जो सभी बच्चों को शोध करना सिखाता है, ताकि वे अपने सवालों के जवाब खुद ढूंढ़ सकें.
  3. Dalia Zidan (यूएई): युवाओं को विज्ञान और पढ़ाई में आगे बढ़ाने के लिए एक साइंस जर्नल शुरू किया, जो बच्चों की आवाज को सामने लाता है.
  4. Adama Finda Borway (सिएरा लियोन): लड़कियों के लिए स्किल ट्रेनिंग और सुरक्षित माहौल बनाने का काम करती हैं, ताकि वे पढ़ाई जारी रख सकें और आगे बढ़ सकें.
  5. Gaston Diaz (अर्जेंटीना): डिजिटल और वित्तीय शिक्षा के लिए कानून बनाने में मदद की, जिससे लाखों छात्र इसके फायदे उठा रहे हैं.
  6. Omar Ahmed (मिस्र): अरबी भाषी बच्चों के लिए TikTok पर कोडिंग सिखाने वाले चैनल चलाते हैं, साथ ही तकनीकी उपकरण भी बनाते हैं जो बीमारी और विकलांगता में मदद करते हैं.
  7. Krishiv Thakuria (भारत): बच्चों के लिए AI ट्यूटर और आवाज से काम करने वाले खिलौने बनाते हैं, खासकर जिन बच्चों को पढ़ने में दिक्कत होती है.
  8. Shohail Ismail (ब्रिटेन): सामाजिक तौर पर पिछड़े युवाओं के लिए AI लैटरसी प्रोग्राम चलाते हैं, जिससे वे बेहतर काम हासिल कर सकें.
  9. Valeria Corrales (स्पेन): बच्चों को विज्ञान और टेक्नोलॉजी में रुचि दिलाने के लिए यूट्यूब पर पढ़ाती हैं, खासकर लड़कियों को STEM में आगे लाने का काम करती हैं.

चंपारण के आदर्श कुमार ने क्या किया

भारत के आदर्श कुमार इस बार के शीर्ष 10 फाइनलिस्ट में शामिल हैं. आदर्श बिहार के चंपारण से हैं और उन्होंने गरीबी और चुनौतियों से लड़ते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी है. उन्होंने कोटा में एक पुराने लैपटॉप से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने Skillzo नाम के प्लेटफॉर्म की नींव रखी.यह एक ऐसा यूथ-ड्रिवन मेंटरशिप प्लेटफॉर्म है, जो वंचित छात्रों को ट्रेनिंग और लीडरशिप से जोड़ता है.

आदर्श ने एक मिशन ‘बदलाव’ नाम से योजना भी चलाई. इसके माध्यम से पहले लोगों की जरूरत समझी जाती है, फिर उसी के हिसाब से काम किया जाता है. इसी सोच के साथ उन्हाेंने अपनी इस योजना से 1300 घरों को जोड़कर बड़े बदलाव किए हैं. उनकी उपलब्धियों में एक नया स्कूल खुलवाना, 2000 लोगों को कोविड वैक्सीन दिलवाना और 3000 पौधे लगवाना शाामिल है.