भारत में पिछले कुछ वर्षों में हिंदी की मांग बढ़ी है. एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने अपने काॅलेजों में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की है. वहीं देश के प्राइवेट कंपनियों में भी हिंदी लैंग्वेज और ट्रांसलेटर की डिमांड है. अगर हिंदी के अच्छे जानकार हैं, तो आपके पास कभी नौकरी की कमी नहीं होगी. आइए जानते हैं हिंदी के 5 ऐसे कोर्स के बारे में, जिनकी डिमांड रहती है.
एमए हिंदी लिटरेचर
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमए हिंदी लिटरेचर कोर्स कर सकते हैं. इसमें हिंदी साहित्य, कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, नाटक और भाषा विज्ञान आदि की पढ़ाई कराई जाती है. इसकी डिग्री के बाद स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में हिंदी विशेषज्ञ पदों पर जाॅब कर सकते हैं. वहीं स्कूलों में हिंदी टीचर के रुप में भी काम कर सकते हैं. इसके अलावा प्रकाशन हाउस में भी नौकरी के मौके निकलते हैं.
हिंदी अनुवाद और अनुवाद अध्ययन
हिंदी अनुवाद और अनुवाद अध्ययन में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स होता है. छात्र ग्रेजुएशन के बाद इसकी पढ़ाई कर सकते हैं. इसमें हिंदी से अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद व इंटरप्रिटेशन करना पढ़ाया जाता है. हिंदी ट्रांसलेटर की डिमांड सरकारी विभागों, कोर्ट, विदेशी दूतावास और MNC में होती है. वहीं ट्रांसलेटर, इंटरप्रेटर, सबटाइटल राइटर, विदेशी कंपनियों में हिंदी भाषा एक्सपर्ट के तौर पर करियर बना सकते हैं.
THFL कोर्स
इस कोर्स में विदेशी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाना सिखाया जाता है. इसकी डिमांड यूएसए, यूरोप, खाड़ी देशों और एशियाई देशों में है. इस कोर्स को करने के बाद विदेशों में हिंदी शिक्षक, ऑनलाइन भाषा ट्रेनर, इंटरनेशनल स्कूलों में हिंदी टीचर के रूप में बेहतरीन करियर बना सकते हैं.
हिंदी क्रिएटिव राइटिंग और कंटेंट राइटिंग
मौजूदा समय में OTT का क्रेज है. हिंदी क्रिएटिव राइंटिंग कोर्स में ब्लॉगिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग, वेब कंटेंट, एडवरटाइजिंग राइटिंग, सोशल मीडिया कंटेंट तैयार करना पढ़ाया और सिखाया जाता है. OTT, सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग में हिंदी कंटेंट प्रोफेशनल्स की बहुत मांग है. इसकी पढ़ाई करने के बाद स्क्रिप्ट राइटर, कंटेंट क्रिएटर, कॉपीराइटर, यूट्यूबर और सोशल मीडिया मैनेजर के तौर पर करियर बना सकते हैं.
पीएचडी
पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद हिंदी में पीएचडी कर सकते हैं. विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में हिंदी प्रोफेसर की डिमांड हमेशा रहती है. डिग्री पूरी करने के बाद विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, शोध-निर्देशक, साहित्यिक आलोचक के तौर पर करियर बना सकते हैं.