देश में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय ‘हिंदी दिवस’ (National Hindi Day 2025) मनाया जाता है. 1953 में देश में पहली बार राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया गया था. हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए देश में अब एमबीबीएस और बीटेक की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू की गई है. आईआईटी जोधपुर में पिछले साल हिंदी में बीटेक की पढ़ाई शुरू की गई थी. ऐसे में आइए जानते हैं कि विदेशों में करियर बनाने में हिंदी कैसे मददगार साबित हो रही है और नौकरी के बेहतर अवसर कैसे मिल रहे हैं.
भारत के साथ अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, खाड़ी देश और फिजी, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम जैसे देशों में बड़ी संख्या में भारतीय और प्रवासी भारतीय रहते हैं. इन देशों में हिंदी बोलने वालों की मांग बढ़ रही है. खासकर शिक्षा, मीडिया, अनुवाद और सांस्कृतिक गतिविधियों में. आमतौर पर अंग्रेजी भाषा ही विदेशों में करियर बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भाषा है, लेकिन अब हिंदी भी धीरे-धीरे विदेशों में करियर बनाने में मददगार हो रही है.
किन विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है हिंदी?
विदेशों के कई बड़े विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है. इनमें हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, शिकागो यूनिवर्सिटी आदि कई विश्वविद्यालय शामिल हैं, जहां हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य पढ़ाया जाता है. इसके अलावा अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, इलिनोइस यूनिवर्सिटी और मिशिगन विश्वविद्यालय जैसे कई यूरोपीय संस्थानों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है.
किन पदों पर मिलती हैं नौकरी?
अगर हिंदी भाषा में मास्टर हैं या पीएडची की डिग्री है तो विदेशी विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, रिसर्चर और लेक्चरर के रूप में जाॅब के मौके मिलते हैं. इसके अलावा यूएन, वर्ल्ड बैंक, WHO, UNESCO में हिंदी ट्रांसलेटर और दुभाषियों की जरूरत पड़ती है. हिंदी भाषा के अच्छे जानकारी इन पदों पर नौकरी कर सकते हैं.
गूगल में भी हैं जाॅब के मौके
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों को हिंदी भाषा एक्सपर्ट की जरूरत होती है, ताकि उनके प्रोडक्ट और सेवाएं हिंदी बोलने वालों तक आसानी से पहुंच सकें. इन कंपनियों में हिंदी भाषा विशेषज्ञ और हिंदी क्वालिटी चेकर के रूप में करियर बन सकते हैं.
हिंदी अब सिर्फ बोलचाल और साहित्य तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, टेक्नोलॉजी, मीडिया, अनुवाद और व्यवसाय जैसे कई क्षेत्रों में विदेशों में नए जाॅब के अवसर खोल रही है. अगर किसी के पास हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी या दूसरी विदेशी भाषा पर भी अच्छी पकड़ है, तो उसके करियर में आगे बढ़ने के मौके और बढ़ जाते हैं.