DUSU Election 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 का शंखनाद हो गया है. नामांकन के बाद गुरुवार को नाम वापसी लेने का अंतिम दिन था. इसे देखते हुए ABVP, NSUI समेत लेफ्ट गठबंधन ने केंद्रीय पैनल के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है, लेकिन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के साथ ही ‘NSUI में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है’ की स्थिति सामने आई है. मसलन, डूसू चुनाव से पहले NSUI में बिखराव होता हुआ दिख रहा है. बताया जा रहा है कि इसके पीछे की कहानी का एक तार उम्मीदवार चयन में कन्हैया कुमार बनाम अन्य की पसंद से जुड़ा हुआ है.
आइए जानते हैं कि डूसू चुनाव के लिए NSUI ने किसे उम्मीदवार बनाया है? क्यों कहा जा रहा है कि डूसू चुनाव 2025 से पहले ही NSUI में बिखराव हो गया है? वहीं समझने की काेशिश करते हैं कि आखिर उम्मीदवार चयन में कन्हैया कुमार बनाम अन्य के संघर्ष की कहानी क्या है?
NSUI ने अध्यक्ष पद पर उतारा महिला उम्मीदवार
डूसू चुनाव केंद्रीय पैनल के लिए NSUI ने गुरुवार को उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. NSUI ने डीयू के बौद्ध स्टडीज सेंटर से पीजी कर रही जोधपुर राजस्थान निवासी जोश्लिन नंदिता चौधरी को अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार बनाया है. तो वहीं उपाध्यक्ष पद परराहुल झांसला, सचिव पद के लिएकबीर और संयुक्त सचिव के लिएलव कुश बधाना को उम्मीदवार बनाया है.
डूसू चुनाव 2024 पर एक नजर
इस खबर पर आगे बढ़ने से पहले डूसू चुनाव 2024 पर एक नजर डाल लेते हैं. यानी पिछले साल के चुनाव में दो सीटों पर NSUI और दो सीटों पर ABVP को जीत मिली थी. NSUI ने 7 साल बाद अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी और रौनक खत्री अध्यक्ष और लोकेश संयुक्त सचिव बने थे. इसी के साथ ही उपाध्यक्ष और सचिव पद पर ABVP ने जीत दर्ज की थी.
डूसू चुनाव 2025 से पहले NSUI में बिखराव
अब बात डूसू चुनाव 2025 से पहले NSUI में बिखराव की करते हैं. असल में गुरुवार को केंद्रीय पैनल के लिए नामों के ऐलान के साथ ही NSUI में बिखराव की खबरें सामने आई हैं. असल में डूसू के 4 केंद्रीय पैनल के लिए 8 छात्रों ने नामांकन कराया था, लेकिन 4 नामों को ही अंंतिम रूप दिया गया है. इसके साथ ही NSUI में बिखराव की खबरें सामने आने लगी है. इसमें हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट यूनियन (INSO) की भूमिका अहम बताई जा रही है.
INSO ने डूसू चुनाव के लिए NSUI के उम्मीदवार में सेंध लगाने में सफलता प्राप्त की है. मसलन, INSO ने उमानसी लांबा को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है. INSOके प्रभारी अंकुर धामा के मुताबिक उमानसी लांबा NSUI की उम्मीदवार थी, लेकिन उन्हें INSO ने अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है, जो कांग्रेस में बड़ा बिखराव है.
इसके पीछे की कहानी, कन्हैया बनाम अन्य
NSUI उम्मीदवार मानी जा रही उमानसी लांबा का INSO का डूसू फेस बनने के पीछे भी एक कहानी बताई जा रही है, जिसके तार NSUI के उम्मीदवार चयन में कन्हैया कुमार बनाम अन्य के संघर्ष से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक डूसू के निर्वतान अध्यक्ष रौनक खत्री और NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने डूसू अध्यक्ष पद के लिए उमांशी लांबा और दीपांशु शौकीन का नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया कुमार के नेतृत्व में NSUI ने जोश्लिन नंदिता चौधरी को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. बताया जा रहा है कि इसके बाद से डूसू के निवर्तमान अध्यक्ष रौनक खत्री ने चुनाव से थोड़ी दूरी बना ली है.
PUSU चुनाव से कन्हैया बनाम वरुण
NSUI में बिखराव की शुरुआत डूसू नहीं PUSU यानी पंजाब यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव से हुई है. PUSU चुनाव से ही NSUI में वरण चौधरी बनाम कन्हैया कुमार के बीच अधिकारों का टकराव शुरू हुआ था. जानकारी के मुताबिक NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने जिसे उम्मीदवार बनाया था, उसे PUSU चुनाव में हार मिली थी और ABVP पहली बार PUSU में खाता खोलने में सफल रहा.
बताया जा रहा है कि पहले ही NSUI प्रभारी कन्हैया कुमार उम्मीदवार पर ऐतरात जता चुके थे. हार के बाद ये टकराव और बढ़ गया और NSUI ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उम्मीदवारों की खोज शुरू कर दी, जिसे फिलहाल डूसू चुनाव तक के लिए स्थगित किया गया है.